चंडीगढ़ के रोज़ गार्डन में है 1600 से अधिक किस्मों का गुलाब

Tue 05-Nov-2024,06:34 PM IST +05:30
चंडीगढ़ के रोज़ गार्डन में है 1600 से अधिक किस्मों का गुलाब chandigard
  • हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चंडी देवी के नाम पर इसका नाम चंडीगढ़ पड़ा।

  • इसकी प्राकृतिक आकर्षण तीनों ओर से शहर की सुंदरता को परिभाषित करती है जबकि एक ओर से खुली भूमि इसके भविष्य के विस्तार व विकास को दर्शाती है।

Haryana / Panchkula :

चंडीगढ़ भारत का एक प्रमुख शहर है, जिसे देश के सबसे व्यवस्थित और योजनाबद्ध शहरों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित चंडीगढ़ शहर, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में भी कार्य करता है। हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चंडी देवी के नाम पर इसका नाम चंडीगढ़ पड़ा। चंडी देवी का प्रसिद्ध मंदिर पास के ही क्षेत्र पंचकुला में स्थित है, जो हरियाणा से कुछ ही दूरी पर है। चंडीगढ़ शहर बाहरी हिमालय की सुंदर शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी पर बसा एक सुंदर स्थान है जो हरियाणा और पंजाब से लगा हुआ है। इसकी प्राकृतिक आकर्षण तीनों ओर से शहर की सुंदरता को परिभाषित करती है जबकि एक ओर से खुली भूमि इसके भविष्य के विस्तार व विकास को दर्शाती है। इसलिए इसे सिटी ब्युटीफूल भी कहा जाता है।

चंडीगढ़ का इतिहास स्वतंत्रता के बाद के भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसका निर्माण, विकास और महत्व कई सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़ा हुआ है।चंडीगढ़ का क्षेत्र वैदिक काल में एक महत्वपूर्ण स्थल था। यहाँ पर हरप्पा सभ्यता के अवशेष भी मिले हैं, जो इस क्षेत्र की प्राचीनता को प्रमाणित करते हैं। मध्यकाल में यह क्षेत्र कई राजवंशों के अधीन रहा, जिनमें मौर्य, गुप्त और मुग़ल साम्राज्य शामिल हैं। मुग़ल काल के दौरान यह क्षेत्र कुछ समय के लिए समृद्ध हुआ। ब्रिटिश राज के दौरान, यह क्षेत्र पंजाब प्रांत का हिस्सा था। ब्रिटिश काल में यहाँ पर आधुनिकता और शिक्षा का प्रसार हुआ।

1947 में भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के बाद, पंजाब राज्य को दो भागों में विभाजित किया गया जिसमें पूर्वी पंजाब भारत का हिस्सा बना और पश्चिमी पंजाब पाकिस्तान में चला गया। लाहौर, जो पहले पंजाब की राजधानी थी, पाकिस्तान में चला गया। इस कारण से पूर्वी पंजाब के लिए एक नई राजधानी की आवश्यकता उत्पन्न हुई। इसके बाद भारत सरकार ने 1948 में नए शहर के निर्माण का निर्णय लिया। एक नई और आधुनिक राजधानी के लिए स्थान की खोज की गई और चंडीगढ़ को इस उद्देश्य के लिए चुना गया।

चंडीगढ़ शहर का निर्माण और विकास:

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रसिद्ध स्विस-फ्रांसीसी वास्तुकार ली कॉर्बुज़िए को चंडीगढ़ की योजना बनाने और इसे डिज़ाइन करने का कार्य सौंपा। ली कॉर्बुज़िए ने एक नया, आधुनिक और योजनाबद्ध शहर बनाने की परिकल्पना की। चंडीगढ़ की योजना 1950 के दशक में बनाई गई। ली कॉर्बुज़िए ने इसे 56 सेक्टरों में विभाजित किया, जिनमें प्रत्येक सेक्टर स्व-निहित इकाई है। ली कॉर्बुज़िए ने चंडीगढ़ को "सिटी ब्यूटीफुल" की उपाधि दी और इसे आधुनिकता और प्रकृति का मेल माना। उन्होंने शहर को चार मुख्य कार्यात्मक हिस्सों में विभाजित किया— प्रशासनिक, शैक्षिक, वाणिज्यिक और आवासीय। शहर की मुख्य संरचनाएँ जैसे कैपिटल कॉम्प्लेक्स, हाई कोर्ट, सचिवालय और विधानसभा भवन उनके द्वारा डिज़ाइन की गई हैं।

चंडीगढ़ में स्थित कैपिटल कॉम्प्लेक्स परिसर में तीन महत्वपूर्ण भवन शामिल हैं— सचिवालय, विधानसभा भवन और उच्च न्यायालय। ये संरचनाएँ ली कॉर्बुज़िए की आधुनिक वास्तुकला की मिसाल हैं। सुखना झील भी मानव निर्मित झील है जो शहर की प्रमुख आकर्षक स्थलों में से एक है और इसे ली कॉर्बुज़िए के सहयोगी पीएल वर्मा ने डिज़ाइन किया था। इसी तरह रॉक गार्डन भी नेक चंद सैनी द्वारा निर्मित किया गया था। यह गार्डन पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बनाई गई मूर्तियों और झरनों के लिए प्रसिद्ध है।

आधुनिक युग की बात करें तो चंडीगढ़ ने पिछले कुछ दशकों में तीव्र आर्थिक और सामाजिक विकास देखा है। शहर का शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन क्षेत्र में प्रमुख स्थान है। चंडीगढ़ अपने स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां की नगरपालिका स्वच्छता और हरित प्रयासों के लिए नियमित रूप से अभियान चलाती है।

चंडीगढ़ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः सेवा क्षेत्र पर आधारित है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन यहां के प्रमुख उद्योग हैं। शहर में कई प्रमुख शैक्षिक संस्थान हैं, जैसे कि पंजाब विश्वविद्यालय, जो उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यहाँ पर मुख्य रूप से हिन्दी और पंजाबी भाषा बोली जाती है। आप यहाँ के भरवां परांठे, दाल मखनी, पनीर बटर मसाला, चना मसाला और मटका कुल्फी का लुत्फ़ ज़रूर उठाएँ। वे अपनी त्वरित सेवा के लिए जाने जाते हैं।चंडीगढ़ अपने स्वच्छता और हरित वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां के पार्क और बाग-बगीचे शहर की सुंदरता को बढ़ाते हैं और निवासियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करते हैं। नगर निगम द्वारा नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं।

चंडीगढ़ के प्रमुख आकर्षण

चंडीगढ़ में कई प्रमुख आकर्षण हैं जो इसे पर्यटकों और निवासियों के लिए अद्वितीय बनाते हैं। जैसे-

  1. रॉक गार्डन:यह गार्डन नेक चंद द्वारा बनाया गया है। यह गार्डन वेस्ट मटीरियल और औद्योगिक तथा घरेलू कचरे से बनाई गई अपनी अनूठी मूर्तियोंऔर झरनों के लिए प्रसिद्ध है।
  2. सुखना लेक: यह मानव निर्मित झील स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है। यहां बोटिंग और वॉकिंग के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  3. रोज़ गार्डन: यह एशिया का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन है, जहां 1600 से अधिक किस्मों के गुलाब और अन्य पौधे हैं।
  4. चंडीगढ़ म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी: यह संग्रहालय भारतीय कला, पुरातत्व और प्राकृतिक इतिहास की महत्वपूर्ण वस्तुओं को प्रदर्शित करता है।
  5. चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स: इस कॉम्प्लेक्स में सचिवालय, विधान सभा और उच्च न्यायालय शामिल हैं। यह वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
  6. चंडीगढ़ बर्ड पार्क: यह पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है।
  7. कप्तान चंडीगढ़: यह 45 मीटर ऊँचा टॉवर है जो चंडीगढ़ शहर के केंद्र में स्थित है। यहाँ से पूरे शहर का एक सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
  8. जाकिर हुसैन रोज गार्डन: यह गुलाबों की विभिन्न किस्मों और अन्य पौधों के लिए प्रसिद्ध है।
  9. एलांते मॉल: यह चंडीगढ़ का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल है जहां आप शॉपिंग, भोजन और मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं।
  10. पिंजौर गार्डन: यह मुगल शैली में बना हुआ गार्डन है, जो चंडीगढ़ के पास पिंजौर में स्थित है। यह गार्डन अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।

इस प्रकार चंडीगढ़ एक हरा-भरा और योजनाबद्ध शहर है, जहां हर कोने पर आपको कुछ नया और अद्वितीय देखने को मिलता है।

चंडीगढ़ कैसे पहुंचे:

चंडीगढ़ भारत के प्रमुख शहरों में से एक है और यहाँ पहुंचने के कई तरीके हैं, जैसे-

  1. वायु मार्ग: चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर मोहाली में स्थित है। यह दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद और कोलकाता जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  2. रेल मार्ग: चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और जयपुर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। शताब्दी एक्सप्रेस और कालका मेल जैसी कई प्रमुख ट्रेनें चंडीगढ़ से होकर गुजरती हैं।
  3. सड़क मार्ग: चंडीगढ़ से दिल्ली, शिमला, मनाली, धर्मशाला और अमृतसर जैसे प्रमुख शहरों के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। हरियाणा रोडवेज, पंजाब रोडवेज और हिमाचल प्रदेश रोडवेज द्वारा संचालित बसें यहां से चलती हैं।चंडीगढ़ दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH 44) द्वारा जुड़ा हुआ है।

चंडीगढ़ जाने का सही मौसम:

चंडीगढ़ का मौसम मुख्य रूप से तीन मौसमों में विभाजित होता है- ग्रीष्म, मानसूनऔर शीतकाल। हर एक मौसम में इसकी सुंदरता अलग ही होती है। जैसे-

  • शीतकाल (अक्टूबर से मार्च): यह चंडीगढ़ जाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना होता है, तापमान 5°C से 20°C के बीच रहता है। इस समय आप शहर के प्रमुख आकर्षणों जैसे सुखना झील, रॉक गार्डन, रोज गार्डन आदि का आनंद ले सकते हैं।
  • ग्रीष्मकाल (अप्रैल से जून): गर्मियों में तापमान 35°C से 45°C तक पहुँच सकता है, इसलिए यह समय पर्यटन के लिए बहुत अनुकूल नहीं है। यदि आप इस समय यात्रा कर रहे हैं, तो सुबह और शाम के समय शहर घूमना अधिक आरामदायक हो सकता है।
  • मानसून (जुलाई से सितंबर): मानसून के दौरान चंडीगढ़ में अच्छी खासी बारिश होती है, जिससे शहर की हरियाली और भी खूबसूरत हो जाती है। हालांकि, भारी बारिश के कारण यात्रा के दौरान कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन यह समय प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए अच्छा हो सकता है।

इस प्रकार चंडीगढ़ का इतिहास उसकी योजना, निर्माण और विकास की एक अद्वितीय कहानी है। यह शहर भारत के स्वतंत्रता के बाद के आधुनिकता और प्रगति का प्रतीक है। इसके व्यवस्थित ढांचे, हरित वातावरण, और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इसे एक विशिष्ट और महत्वपूर्ण शहर बनाते हैं। चंडीगढ़ ने भारत के अन्य शहरों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य किया है और इसके इतिहास और विकास की कहानी भारतीय शहरी विकास की एक प्रेरणादायक गाथा है।आप चंडीगढ़ शहर घूमने एक बार जरूर जाएं। यदि आपका शेड्यूल टाइट है तो चंडीगढ़ घूमने के लिए 2 दिन काफी होगा।